इंडिया मैं जितने भी मोबाइल ऑपरेटर्स है उनमें से सभी के नेटवर्क्स में किसी ना किसी एरिया में दिक्कत हर वक्त लगा रहता है, कुछ एरिया में अगर जिओ ठीक से चल जाता है तो कोई दूसरा सिम नहीं चल पाता, या फिर किसी दूसरे सिम में अच्छा नेटवर्क मिल जाता है तो तीसरे में सही से सर्विस नहीं मिल पाता। ऐसी समस्या का आप बहुत ही आसानी से समाधान कर सकते हैं अपने नंबर को दूसरे मोबाइल ऑपरेटर पर शिफ्ट करके। लेकिन क्या आपको पता है की Sim Port Kaise Kare / सिम पोर्ट कैसे करें?
अगर आप भी अपने मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर के खराब सर्विस से परेशान है तो आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। अगर आपके एरिया में आपके ऑपरेटर का अच्छा नेटवर्क नहीं आता है तो आप दूसरे ऑपरेटर में अपने नंबर को पोर्ट करवा कर अपने समस्या का समाधान बड़े ही आसानी से कर सकते हैं, और तो और आपका नंबर भी चेंज नहीं होगा या फिर आपको दूसरी ऑपरेटर के नेटवर्क का सुविधा उपभोग करने के लिए और एक नया नंबर का झंझट नहीं लेना पड़ेगा।
इस पोस्ट में हमने बहुत ही सरल तरीके में बताया हुआ है की मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें? और इसके संबंधित नियम कौन-कौन से हैं। साथ ही हमने यहां पर यह भी बताया हुआ है की अगर आप अपना नंबर पोर्ट करवा रहे हैं तो आपको क्या क्या सुविधा या नुकसान हो सकता है।
बहुत से लोगों का यह सवाल रहता है कि, “जिओ सिम को एयरटेल में पोर्ट कैसे करे?” या फिर “आइडिया के नंबर को कैसे पोर्ट करें?”, तो उनको बता दे कि यहां पर हमने Jio, Airtel, Vodafone Idea (Vi), BSNL इन साड़ी ऑपरेटर्स में से दूसरा मोबाइल नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर में कैसे पोर्ट किया जाता है वह बताया हुआ है।
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SIM port करना क्या होता है?
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) एक ऐसी सुविधा है जो एक टेलीकॉम सर्विस उपयोगकर्ता को भौगोलिक क्षेत्र की परवाह किए बिना एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में जाने की अनुमति/सुविधा देती है। अगर कोई ग्राहक अपने वर्तमान ऑपरेटर की सर्विस से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपने मोबाइल नंबर को अपनी पसंद के किसी अन्य टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को पोर्ट कर सकता है। इस प्रक्रिया में केबल ग्राहक का ऑपरेटर ही चेंज होगा, उनके वर्तमान मोबाइल नंबर मैं किसी भी प्रकार का बदलाव किया नही जाएगा।
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मोबाइल नंबर पोर्ट करने से पहले इन नियमों का ध्यान रखें!
एक मोबाइल ऑपरेटर से दूसरे किसी मोबाइल ऑपरेटर मैं अपना नंबर पोर्ट करवाने के लिए कुछ गाइडलाइंस या नियम मौजूद है जिन्हें आप को फॉलो करना है। भारत में मोबाइल नेटवर्क के संबंधित जितने भी नियम और काम है वह एक ही सरकारी अथॉरिटी के अंदर आता है जिसका नाम है TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के संबंधित जितने भी काम है इसके लिए भी यही अथॉरिटी जिम्मेदार है।
मोबाइल नंबर को पोर्ट करवाने के लिए हमें TRAI से एक Unique Porting Code (UPC) जेनरेट करवाना पड़ता है, और इस यूनिक पोर्टिंग कोड को जनरेट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम मौजूद हैं।
इसलिए Mobile number port करने के लिए ट्राई के तरफ से जितने भी नियम और गाइडलाइंस मौजूद है वह हम देख लेते हैं।
- अगर आप एक पोस्टपेड यूजर है तो आपको अपना नंबर दूसरे ऑपरेटर में पोर्ट करवाने के लिए यह सबसे पहले ध्यान रखना है कि आपका जितना भी due यानी कि बकाया राशि है उनका पेमेंट सबसे पहले पूरी तरह से क्लियर रहना चाहिए।
- एक टेलीकॉम ऑपरेटर से दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए आपका नंबर करंट ऑपरेटर के नेटवर्क में कम से कम 90 दिन पुराना होना चाहिए।
- टी आर ए आई के तरफ से जनरेट होने वाला यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) कुछ चुनिंदा क्षेत्र के अलावा बाकी हर जगह में सिर्फ 4 दिन के लिए वैध (Valid) रहता है, जो कि पहले 15 दिन था। यह UPC जम्मू कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट के राज्य में 30 दिन तक के लिए वैध (Valid) रहता है।
- अगर आपने अपना मोबाइल नंबर का मालिकाना हक (ownership) बदलने के लिए आवेदन किया हुआ है तो आपका पोर्टिग रिक्वेस्ट कैंसिल हो जाएगा।
इसके अलावा भी और कुछ नियम है जो कि आप Trai porting rules पर क्लिक करके टी आर ए आई के ऑफिशियल वेबसाइट से पढ़ सकते हैं।
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सिम पोर्ट करवाने के फायदे
अगर आपके एरिया में आपके मोबाइल ऑपरेटर के तरफ से अच्छा कनेक्टिविटी सर्विस नहीं मिल रहा है, जैसे ही कॉल ड्रॉपबियर स्लो इंटरनेट का इश्यू आपको देखने को मिल रहा है तो इस सर्विस का बहुत ही लाभ आपको मिलेगा। SIM portability को मेनली connectivity issue से बचने के लिए ही यूज किया जाता है।
इसके अलावा कुछ कंपनी से ऐसे भी है जो आपको उनके नेटवर्क पर पोर्ट करने की बाद अच्छा और सस्ता ऑफर्स देते हैं जिसका बेनिफिट भी आप उठा सकते हैं।
SIM port करने के नुकसान
कुछ कंपनी में आपको मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए एक बहुत ही छोटे अमाउंट चार्ज किया जाता। इसके अलावा जब आप मोबाइल नंबर दूसरे कंपनी में पोर्ट कर रहा है तब ज्यादातर वक्त में आपके नंबर पर जो ऑलरेडी रिचार्ज किया हुआ है उसका बेनिफिट आपको दूसरे ऑपरेटर में नहीं मिलता है।
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SIM Port Kaise Kare
मोबाइल नंबर पोर्ट करने का तरीका बहुत ही आसान है जिसे कोई भी बड़े ही आसानी से अपने घर बैठे फोन के मदद से कर सकता है। मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिए:
स्टेप 1: सबसे पहले अपने फोन का मैसेज एप ओपन कर लीजिए।
स्टेप 2: अभी न्यू मैसेज में जाकर आपको Capital letter (बड़ा अक्षर) मैं PORT<space> mobile number type करके 1900 नंबर पर भेज देना है। (अगर मान लीजिए आपका नंबर है 1234567890, और आपको इस नंबर को पोर्ट करना है तो आप टाइप कीजिए, PORT फिर एक स्पेस डालकर अपना नंबर टाइप कीजिए, “PORT 1234567890 और भेज दीजिए)

स्टेप 3: 1900 पे मैसेज सेंड करने के कुछ ही समय के अंदर आपके मोबाइल में s.m.s. के माध्यम से आपको एक UPC कोड भेजा जाएगा। यह कोड aapka number port करने के समय काम आएगा। यह कोड केबल 4 दिन के लिए VALID रहेगा, और अगर आप जम्मू कश्मीर, असम या फिर नॉर्थ ईस्ट के किसी राज्य से कर रहे हैं तो आपको 30 दिन तक का वैलिडिटी मिलेगा।

स्टेप 4: अभी आप जिस mobile operator में अपने नंबर को पोर्ट करना चाहते हैं उनके नजदीकी स्टोर में जाकर आवश्यक दस्तावेज़, आधार कार्ड नंबर और UPC (जो कोड आपको मैसेज में रिसीव हुआ था) देकर अपने लिए नया सिम ले सकते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्ट एक ऑपरेटर से दूसरी ऑपरेटर में पूरी तरह से सफल होने के लिए लगभग 6-10 दिन का समय लगता है, जिसके बाद आप बड़े ही आराम से नए ऑपरेटर का सर्विस यूज कर सकते हैं।
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Port status check कैसे करें?
अगर आपने अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करने के लिए दिया है और अपने नंबर का पोर्टिंग स्टेटस जानना चाहते हैं तो आप अपने ऑपरेटर के वेबसाइट से इसे स्टेटस को चेक कर सकते हैं या फिर उनके कस्टमर केयर पर कॉल करके भी इसके बारे में पता लगा सकते हैं।
इसके अलावा आप चाहे तो https://www.mnpindia.in/porting-status इस लिंक से भी अपना मोबाइल नंबर और यूपीसी डालकर मोबाइल नंबर पोर्ट स्टेटस चेक कर सकते हैं।
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Port (MNP) request cancel कैसे करे?
अगर आपने एक बार अपना नंबर पोर्ट करने के लिए रिक्वेस्ट डाल दिया है, लेकिन फिर बाद में आपका माइंड चेंज होने के कारण अभी पोर्ट रिक्वेस्ट को कैंसिल करना चाहते हैं तो आप “CANCEL <SPACE> MOBILE NUMBER” type करके 1900 में फिर से मैसेज भेजकर अपना पोर्ट रिक्वेस्ट कैंसिल कर सकते है।
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निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट में हमने sim port kaise kare टॉपिक के संबंधित साड़ी जरूरी जानकारियां उपलब्ध करवा दिया है। और मैसेज भेज कर मोबाइल नंबर पोर्ट करने का तरीका भी बताया है जिसको फॉलो करके आप आसानी से अपने नंबर को दूसरे ऑपरेटर में पोर्ट कर सकते हैं।
मेरा सजेशन ही रहेगा कि अपने नंबर से दूसरा ऑपरेटर पर वोट करने से पहले आप एक बार चेक कर ले आपके एरिया में दूसरे कौन से ऑपरेटर अच्छे सर्विस प्रोवाइड करते हैं उसके बाद ही अपना नंबर पोर्ट के लिए रिक्वेस्ट कीजिए।
पोर्ट रिक्वेस्ट डालने के बाद आपके वर्तमान सर्विस प्रोवाइडर के तरफ से आपको कॉल हुआ आ सकता है, जिसमें आपको पोर्ट करने का कारण भी पूछा जा सकता है। आप उनको चाहे तो कारण बता भी सकते हैं या फिर ना भी बता सकते हैं यह पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है।
पोर्ट रिक्वेस्ट डालने के बाद आपके पास मैसेज के माध्यम से जो UPC कोड रिसीव होगा उसको आप संभल कर रखिए क्योंकि वही कोड आपको नया सिम लेने के टाइम काम आएगा।
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया है और इस पोस्ट को पढ़कर आपको समझ में आया है कि कैसे सिम पोर्ट करें तो आप इस पोस्ट को उन लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं जिनको अपना नंबर दूसरे सर्विस प्रोवाइडर में पोर्ट करना है।
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FAQs
प्रश्न 1: क्या पोर्ट करने के लिए पैसा चार्ज किया जाता?
ज्यादातर मोबाइल ऑपरेटर में क्या नंबर पोर्ट करने के लिए किसी भी तरीके का पैसा चार्ज नहीं किया जाता है, लेकिन कुछ ऑपरेटर इसके लिए चार्ज भी करते हैं। लेकिन टी आर ए आई के गाइडलाइंस के अनुसार कंपनी आपसे अधिकतम ₹6.40 ही चार्ज कर सकता है।
प्रश्न 2: सिम कितने दिन में पोर्ट होता है?
पोर्ट रिक्वेस्ट डालने के कुछ ही समय (एवरेज 2 से लेकर 3 मिनिट के अंदर ही आपको UPC code मिल जाता है, इसके बाद नया ऑपरेटर में पोर्ट करने के समय 7-10 का टाइम लग सकता है।
प्रश्न 3: क्या आपको फोन के बाद हमारा बैलेंस कट जाएगा?
ज्यादातर मामलों में पोर्ट करने के बाद आपका रिचार्ज किया हुआ बैलेंस चला जाता है। लेकिन यह ध्यान में रखें जब आप वोट का रिक्वेस्ट डाल रहे हैं तव मैसेज भेजने के लिए आपके नंबर में बैलेंस रहना जरूरी है।
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