टेक्नॉलजी के इस जमाने में भी अगर हम बैंक में जाकर पैसे निकलवाते है यां ट्रान्सफर करते है तो शायद हम अभी पुराने जमाने में जी रहें होंगे। आज हमें पैसे निकलवाने, किसी को भेजने के लिए बैंक में जाकर लंबी लाइन लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
आज हम ये सभी काम एटीएम की मदद से यां फिर RTGS की मदद से कर सकते है। आपने अभी तक Paytm, UPI तथा Net Banking के बारे में तो सुना होगा परंतु क्या आप आरटीजीएस ( RTGS Full Form ) के बारे में जानते है?
आज ऐसे बैंकिंग से जुड़े काफी सारे एप्लिकेशन तथा तरीके है जिनकी मदद से हम घर बैठे बैठे विदेश में भी पैसा एक सेकंड में भेज सकते है। आज के समय में एक बैंक से दूसरे बैंक में बड़ी रकम भेजने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल आरटीजीएस (RTGS) तथा नेफ्ट (NEFT) का किया जाता है।
आज के इस आर्टिक्ल में आपको आरटीजीएस से जुड़ी सभी जानकारी हिन्दी में देने वाले है। इस आर्टिक्ल को पढ़कर आपको पता चल जाएगा की आरटीजीएस क्या होता है ( rtgs kya hota hai ) आरटीजीएस की फुल फॉर्म ( rtgs full form in hindi ) क्या होता है? आरटीजीएस से हम मनी ट्रान्सफर कैसे कर सकते है। आप विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिक्ल को पूरा जरूर पढ़ना
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आरटीजीएस क्या होता है ? RTGS Kya Hota Hai ?
आपने सुना होगा की किसी एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर करने के अलग अलग तरीके होते है। जिस प्रकार हम Paytm यां UPI की मदद से रुपए ट्रान्सफर करते है, उसी प्रकार से आरटीजीएस (RTGS) रुपए ट्रान्सफर करने का एक सबसे तेज माध्यम है इसका इस्तेमाल ज़्यादातर बड़ी रकम को दूसरे अकाउंट में भेजने के लिए किया जाता है।
आरटीजीएस के माध्यम से आपको एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेजने की न्यूनतम सीमा 2 लाख है। आप 2 लाख से ज्यादा रुपए ही आरटीजीएस के द्वारा भेज पते है इससे कम रकम नहीं भेजी जाती है।
RTGS के माध्यम से पैसा भजने के 30 मिनट के समय में आपने जिसे पैसा भेजा है उसके अकाउंट में चला जाएगा। 30 मिनट के समय में आपने जिसे पैसा भेजा है उसके अकाउंट में नहीं जाता है तो वापस आपके अकाउंट में आ जाता है।
इस सुविधा का लाभ हर बैंक के द्वारा दिया जाता है परंतु इसके लिए आपको कुछ जरूरी डॉकयुमेंट के साथ में एक फॉर्म भरना होता है। अब आपको समझ में आ गया होगा की आरटीजीएस क्या होता है ( RTGS Kya Hota Hai )
आरटीजीएस का फुल फॉर्म क्या होता है? RTGS Full Form in Hindi
RTGS की Full Form Real Time Gross Settlement होती है। Real Time का मतलब होता है की आपने एक बार पैसे भेजने का प्रोसैस पूरा कर दिया उसके साथ ही पैसे भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
आरबीआई के अनुसार हम जैसे ही इसे दूसरे खाते मेँ पैसे भेजने का इन्सट्रक्शन देते है ये प्रोसैस शुरू कर देता है इसमें प्रोसैस को कुछ समय बाद मेँ हो ऐसा नहीं होता है।
जैसा की हम सभी जानते है की यह आरबीआई के अधीन आता है तथा इसकी देख रेख भी आरबीआई करती है इसलिए इससे जुड़ी सभी जानकारी आरबीआई के डेटाबेस मेँ स्टोर होती है।
आरटीजीएस करने का तरीका ? RTGS Kaise Karte Hai ?
हमने RTGS की Full Form के बारे में तो जान लिया है अब हम यह जानते है की आरटीजीएस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। आरटीजीएस के द्वारा हम बड़ी रकम को एक अकाउंट मेँ दूसरे अकाउंट मेँ ट्रान्सफर आसानी से कर सकते है।
इसका ज्यादा उपयोग व्यापार मेँ किया जाता है। अगर आप भी आरटीजीएस की मदद से पैसा ट्रान्सफर करना चाहते है तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है की आरटीजीएस कैसे करना चाहिए? आरटीजीएस करने के तीन तरीके है तो चलिये हम इन तीनों तरीको से आरटीजीएस करना सीख लेते है।
Online RTGS Kaise Kare–
इसके लिए आपके पास इंटरनेट होना जरूरी है, इसमें आपको आरटीजीएस करने के लिए बैंक मेँ जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। आप घर बैठे बैठे यान कहीं पर भी बैठकर आरटीजीएस कर सकते है।
Online RTGS करने के लिए आपको Net Banking की जरूरत पड़ती है आपको आरटीजीएस करने के लिए आपके बैंक मेँ RTGS Enabled होना सबसे जरूरी होता है।
ऑनलाइन आरटीजीएस के अंदर आपने जिस व्यक्ति के अकाउंट मेँ फ़ंड ट्रान्सफर करना है उसे आपको आपने अकाउंट के अंदर प्राप्त कर्ता (Payee) यां लाभार्थी ग्राहक(Beneficiary Customer) के रूप मेँ जोड़ना होता है।
इसके लिए आपने जिसे Payee यां Beneficiary Customer के रूप मेँ जोड़ना है उसके अकाउंट से जुड़ी कुछ डिटेल्स जैसे Bank Account Number, Bank Name, Branch तथा Brach IFSC Coad भरना होता है।
इसके बाद मेँ बैंक के द्वारा इन सभी जानकारी को चेक करने के लिए लगभग 1 दिन का समय लिया जाता है। इस समय मेँ बैंक के द्वारा Beneficiary Customer की आपके द्वारा दी गयी सभी जानकारी चेक की जाती है चेक करने के बाद बैंक के द्वारा Beneficiary Customer को Activate कर दिया जाता है।
जिसके बाद आप उस Beneficiary Customer को Fund Transfer कर सकते है। इस प्रकार आप आरटीजीएस को कर सकते है।
अगर आप अपने अकाउंट के साथ मेँ एक बाद Beneficiary Customer की बैंक से जुड़ी जानकारी जोड़कर उसे Beneficiary Customer के रूप मेँ जोड़ लेते है तो आपको आगे यह प्रोसैस दुबारा करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
आप एक बार जोड़ने के बाद कभी भी उसे RTGS कर सकते है। अगर आपके पास Payee के Bank Account से जुड़ी जानकारी नहीं है तो आप उसे अपने अकाउंट के साथ मेँ नहीं जोड़ पाएंगे। इसके लिए आपके पास उसकी निम्न जानकारी होन जरूरी है:-
Online RTGS के लिए जरूरी कुछ जरूरी जानकारी |
Account Holder Name – जिसे Account मेँ Add करना है उसका नाम |
Account Number – जिसको RTGS करना है उसके Account के Number |
Bank Name – RTGS करने है उसका अकाउंट किस बैंक मेँ है उसका नाम\ |
Bank Branch Name – बैंक की कौनसी ब्रांच है |
IFSC Coad – बैंक शाखा का IFSC Coad देना है। |
Offline RTGS –
ऑफलाइन आरटीजीएस करने के लिए आपको बैंक की ब्रांच मेँ जाना होगा, इसके लिए भी आपको कुछ स्टेप फॉलो करने होंगे, चलिये जानते है Offline RTGS कैसे कर सकते है।
- इसके लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक की ब्रांच मेँ जाना होगा जहां पर आपने एक स्लिप भरनी होगी। ये स्लिप उसी प्रकार भरनी है जिस प्रकार आप पैसे जमा करवाते वक्त कोई स्लिप भरते है।
- इस स्लिप के अंदर आपने जिस व्यक्ति के अकाउंट मेँ पैसे भेजने है उसका नाम, उसका बैंक अकाउंट, बैंक का नाम, शाखा का नाम तथा शाखा का आईएफ़एससी कोड भरना होता है। तथा जितनी राशि भेजनी है उसे बैंक को बताया जाता है।
- स्लिप मेँ आपने जानकारी भरकर उसे बैंक के काउंटर पर जमा करवाना है, आपके द्वारा Instruction Slip जमा करवाने के बाद आपके बैंक के द्वारा आपकी स्लिप मेँ भरी हुई जानकारी को Central Processing System मेँ फीड कर दिया जाता है।
- जानकारी फीड के के बाद यह आरबीआई के पास चली जाती है, आरबीआई के द्वारा इस प्रोसैस को पूरा किया जाता है। इसमें आरबीआई भेजे गए अकाउंट से फ़ंड को डेबिट करके जिस अकाउंट मेँ भेजा गया है उसमें क्रेडिट कर देता है।
- इस प्रक्रिया मेँ आरबीआई के द्वारा एक युनीक ट्रैंज़ैक्शन नंबर (Unique Transaction Number) जनरेट किया जाता है। आरबीआई के द्वारा प्रोसैस पूरा करने के बाद यह UTN जिस बैंक से फ़ंड भेजा जाना है उसको भेजा जाता है। इसके बाद दूसरे बैंक को भी यही जानकारी आपके बैंक के द्वारा भेजी जाएगी, यह प्रोसैस पूरा होने के बाद आपके द्वारा भेजी गयी पूरी Ammount Beneficiary Account मेँ चली जाती है।
Cheque se RTGS Kaise Kare –
RTGS करने का तीसरा तरीका Cheque के द्वारा आरटीजीएस करने का होता है इसमें आपने अपने फॉर्म के साथ मेँ चेक लगाना होता है। आपको चेक मेँ दो डिटेल भरनी होती है जिसमें आपने नाम की जगह आफ्ना नाम लिखना है तथा Rupees के अंदर आपने कितने रुपए भेजने है इसके बारे मेँ बताना होता है।
इसके बाद आप अपने Cheque पर साइन करके चेक को फॉर्म के साथ मेँ अटेच करके बैंक मेँ जमा करवा दें। आपका आरटीजीएस हो जाएगा।
इस प्रकार आप 2 लाख से ज्यादा रकम को बड़ी आसानी से RTGS के द्वारा भेज सकते है। ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीको से आरटीजीएस भेजने मेँ 30 मिनट का समय लग जाता है।
30 मिनट के अंदर अगर पैसे नहीं भेजे जाते है तो वह वापस आपके अकाउंट मेँ आ जाते है, ज़्यादातर समय मेँ 30 मिनट से पहले ही फ़ंड ट्रान्सफर हो जाता है।
RTGS Transaction करने का Time तथा Charges क्या है?
RTGS Transactions आप जब बैंक Open हो तब बैंक के कार्य दिवस के अंदर कभी भी जमा करवा सकते है। इसके लिए आपको कुछ फीस भी बैंक को देनी पड़ती है, आरटीजीएस भेजने वाले से बैंक कुछ पैसे लेते ही परंतु जिसके पास आरटीजीएस जाता है उससे किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जाती है।
RTGS Transactions Timing | |
सोमवार से शुक्रवार | सुबह 9 बजे से शाम 4.30 बजे तक |
शनिवार | सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक |
RTGS Transactions Fees/Charges | |
2 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक | सिर्फ 30 रुपए हर एक RTGS के लिए |
5 लाख रुपए से अधिक के लिए | सिर्फ 55 रुपए प्रत्येक RTGS के लिए |
RTGS कैसे तथा किनके लिए उपयोगी है।
आरटीजीएस यानि RTGS Full Form Real Time Gross Settlement का इस्तेमाल ज़्यादातर बड़े बड़े व्यापारी तथा उधयोगपतियों के द्वारा किया जाता है क्योंकि हमने यह जान लिया है की इसके द्वारा 2 लाख से ज्यादा की Ammount Transfer की जाती है।
इसलिए जिनहे 2 लाख से ज्यादा का लेनदेन एक साथ करते है वे आरटीजीएस का इस्तेमाल कर सकते है इसमें उन्हे काफी कम फीस देनी पड़ती है।
इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति ने बहुत ही कम समय मेन कहीं पर बड़ी रकम भेजनी है तो वह इसके द्वारा उस रकम को भेज सकता है क्योंकि आरटीजीएस के द्वारा 30 मिनट से कम समय में ही दूसरे खाते में रकम को पहुंचा दिया जाता है। आरटीजीएस का इस्तेमाल आज के समय में अधिकतर बड़े इन्वैस्टर के द्वारा की जाती है।
RTGS के Special Feature जो इसे लोकप्रिय बनाते है?
आज के समय में आरटीजीएस का उपयोग काफी ज्यादा बढ़ रहा है, इसका कारण इसके कुछ फीचर है जो इसे दूसरे Mone Transfer Ways से अलग बनाता है चलिये इसके कुछ फीचर के बारे में जान लेते है।
- इसके द्वारा बड़ी रकम आसानी से भेजी जा सकती है जिस कारण बड़े व्यापारी इसका उपयोग करना पसंद करते है।
- इसके द्वारा ट्रान्सफर किया गया पैसा कभी भी चोरी नहीं हो सकता क्योंकि इसे आरबीआई के द्वारा संचालित किया जाता है। यानि आपका पैसा सुरक्षित है।
- यह काफी कम समय में ही बड़ी रकम को ट्रान्सफर कर देता है जिस कारण इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है।
- RTGS करने के लिए आपको बहुत कम यां न के बराबर फीस चुकानी पड़ती है जो इसे सबसे अलग बनाता है।
ये मुख्य कारण थे जिस कारण आज भारत में बढ़ते हुए Digital Money Transaction में यह तरीका काफी प्रसिद्ध हो रहा है।
RTGS और NEFT में क्या अंतर है?
एनईएफ़टी भी आरटीजीएस की तरह ही एक मनी ट्रान्सफर करने का माध्यम है परंतु इन दोनों के अंदर काफी सारे अंतर है जो आरटीजीएस को एनईएफ़टी से बेहतर बनाते है। तो चलिये हम NEFT and RTGS के बीच के Difference को जानते है।
RTGS | NEFT |
इसके अंदर आप 2 लाख से अधिक की Transaction कर सकते है। 2 लाख से कम की RTGS आप नहीं कर सकते है। | इसके अंदर आप कम से कम 1 रुपया तथा ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रुपए तक की एक साथ में एक Transcation कर सकते है। |
इसके अंदर आपके द्वारा Fund Transfer करने के बाद 30 मिनट में चला जाता है। | इसमें 60 मिनट तक का समय लग सकता है कई बार इससे ज्यादा समय भी लग जाता है। ज़्यादातर इसका समय 11 घंटे तक होता है। |
इसमे Settlement को Real Time में Process किया जाता है। आपके द्वारा Instruction देने के साथ साथ Process शुरू हो जाता है। | इसके अंदर Sattlement को Real Time में न करके Banking Hours में किया जाता है।
|
इसके अंदर ज़्यादातर बड़ी राशि का लेनदेन किया जाता है। | NEFT के अंदर ज़्यादातर मध्यम राशि का लेनदेन किया जाता है। क्योंकि इसमे आप 10 लाख से ज्यादा राशि एक साथ नहीं भेज सकते है। |
इसमें ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों तरिकों से पेमेंट कर सकते है | इसमें भी आपको ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मेथड मिलते है। |
यह काफी ज्यादा तेजी से काम करता है। | यह RTGS के मुक़ाबले में धीमा है। |
इसमें कम चार्ज लगता है। | यह आरटीजीएस से भी कम चार्ज में पैसे ट्रान्सफर कर देता है। |
आरटीजीएस तथा नेफ्ट में कौन ज्यादा तेज है? Which is faster RTGS or NEFT?
RTGS तथा NEFT दोनो में Fund Transfer करने के लिए RTGS NEFT के मुक़ाबले ज्यादा Faster है। इसका कारण RTGS का Real Time Gross Settlement का होना है। क्योंकि RTGS के द्वारा सभी प्रोसैस साथ साथ किए जाते है। वहीं NEFT इससे धीमा है क्योंकि यह Banking Service Time के अंदर काम करता है।
RTGS से Fund Transfer करना कितना सुरक्षित है?
आरटीजीएस के द्वारा किया जाने वाला Transaction बाकी सभी Money Transfer माध्यम से काफी ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि हमने ऊपर जा लिया है की इसे आरबीआई यानि भारत के रिजर्व बैंक के द्वारा संचालित किया जाता है।
इसमें आपका पैसा बिलकुल सुरक्षित रहता है, भारत के अंदर सभी बैंको के ऊपर आरबीआई ही है। तथा आरबीआई के बैंकिंग तंत्र को भेदना भी काफी कठिन काम है। इसलिए अगर आप RTGS के माध्यम से कोई Fund Transfer करते है तो यह आपके लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित है।
निष्कर्ष –
आज के इस Article में हमने आपको आरटीजीएस की फुल फॉर्म (RTGS Full Form) क्या होती है इसके बारे में विस्तार से बता दिया है। इसमें आपने यह भी जान लिया की आरटीजीएस क्या होता है इसकी मदद से हम लाखों रुपए बड़ी आसानी से एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में भेज सकते है।
मुझे उम्मीद है आपको आज का यह Article पढ़कर आरटीजीएस से जुड़ी सभी Information मिल गयी होगी। अगर फिर भी आप इससे जुड़ी यां कोई अन्य जानकारी लेना चाहते है तो हमसे कमेंट में पूछ सकते है। साथ ही आप हमें कमेंट करके बताए की आपको आज की यह जानकारी कैसी लगी है।
इसे अपने दोस्तो के साथ में शेयर जरूर कर दे ताकि उन्हे भी यह जानकारी मिल सके। आप मोबाइल पर अपडेट पाने के लिए हमसे हमारे Social Media Account पर जुड़ सकते है। इसके अलावा आप हमारे Telegram Channel को जरूर Join कर लें।
RTGS के बारे में विडियो देखें
QNAs About RTGS
RTGS का पूर्ण रूप क्या है?
RTGS का full form होता है Real Time Gross Settlement है
आरटीजीएस चार्ज कितना लगता है?
अगर आप 2 लाख से लेकर 5 लाख तक का फ़ंड ट्रान्सफर करते है तो आपको 24 रुपए चार्ज देना होता है। 5 लाख से ज्यादा फ़ंड ट्रान्सफर करने पर आपको लगभग 50 रुपए देने पपड़ते है।
आरटीजीएस समय क्या है?
आप आरटीजीएस कभी भी कर सकते है यह समय 24 घंटे सात दिन का है। पहले यह समय सिर्फ सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक का था परंतु अब बढ़ाकर 24 घंटे कर दिया गया है।