दोस्तो आज के समय में सभी ने ऑनलाइन शॉपिंग तो की होगी, एटीएम कार्ड का इस्तेमाल भी आपने कहीं न कहीं किया होगा। उस समय पेमेंट को कन्फ़र्म करने के लिए हमें एक OTP डालना पड़ता है जो हमारे बैंक से रजिस्टर मोबाइल नंबर पर आता है।
आपने ओटीपी का इस्तेमाल फेसबुक अकाउंट, डिजिटल पेमेंट करते समय यां कोई भी डिजिटल भुगतान करते समय जरूर किया होगा। तब आपने यह भी जरूर सोचा होगा कि यह OTP क्या है, OTP Full Form क्या होती है?
आपके भी मोबाइल पर कभी न कभी ओटीपी आया होगा और आपने इसका इस्तेमाल भी जरूर किया होगा। इस समय तो छोटे से भी छोटा काम बिना ओटीपी के पूरा ही नहीं होता है।
आज के इस Article में हम आपको OTP से जुड़ी सभी जानकारी बताने वाले है। ओटीपी कि जरूरत क्यों पड़ी, इसका इस्तेमाल कैसे करें इन सभी सवालो का जवाब आप भी जानना चाहते है तो इस Article को जरूर पूरा पढ़ना।
ओटीपी क्या है? OTP Full Form in Hindi?
OTP एक प्रकार का ऑटोमेटिक जनरेटिड न्यूमेरिक यां अल्फा न्यूमेरिक स्ट्रिंग होता है जो अपने आप किसी सिस्टम द्वारा जनरेट किया जाता है। यह यूजर के लॉगिन तथा पेमेंट को प्रमाणित करने के लिए बनाया गया है। इसके द्वारा एक ऐसा पासवर्ड तैयार किया जाता है जो कुछ समय के लिए एक बार ही वेलीड होता है।
जब कभी भी हम कोई ऑनलाइन शॉपिंग करते है यां अपने कार्ड से पेमेंट करते है तो उस समय आपके कार्ड कि सुरक्षा के लिए 4 से लेकर 6 अंको का एक कोड आता है जिसका इस्तेमाल करने के बाद हम अपने कोई भी काम को पूरा कर पाते है। इस कोड को ही ओटीपी कहा जाता है।
OTP को समझने के लिए मैं आपको Facebook का उदाहरण देना चाहूँगा। जब कभी भी आपने फेसबुक आईडी बने है तब आपने अपनी फेसबुक आईडी में कोई मोबाइल नंबर अथवा ईमेल आईडी जरूर दी होगी। आईडी बनाने के बाद फेसबुक वह मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी आपकी है यह कन्फ़र्म करने के लिए उस नंबर यां आईडी पर एक कोड भेजता है।
आपने इस कोड को दर्ज करके कन्फ़र्म करना होता है कि वह कांटैक्ट आपके खुद के है। यह 6 अंको का Coad ही OTP कहलाता है। इसका उपयोग पासवर्ड बदलते समय भी किया जाता है। तो आप अब तो जान ही गए होंगे OTP Coad क्या होता है। OTP Password Example “1234 or 456789” को मान सकते है
OTP Full Form – OTP कि Full Form “One Time Password” होती है।
OTP Full Form Hindi – ओटीपी कि हिन्दी में फुल फॉर्म “एक बार उपयोग किए जाने वाला पासवर्ड” बनता है। जिसका मतलब आसान भाषा में समझे तो यही होता है कि ऐसा पासवर्ड जिसका इस्तेमाल आप सिर्फ एक बार के लिए कर सकते है। इसका इस्तेमाल आप कुछ समय तक कर सकते है, समय पूरा होने के बाद यह ओटीपी अपने आप अनवेलीड हो जाता है।
OTP कितने प्रकार के होते है? Types of OTP in Hindi
टेक्नॉलजी के अंदर अलग अलग प्रकार होना स्वभाविक ही है तो ओटीपी के भी अलग अलग प्रकार है। ओटीपी मुख्य रूप से तीन प्रकार कि होती है तो चलिये जानते है OTP के इन सभी प्रकारों को
Message OTP –
इस प्रकार के ओटीपी आपको मैसेज के द्वारा भेजे जाते है, जो आपके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आता है जिसमें आपका 4 यां 6 अंको का OTP आता है इस मैसेज में आपको यह सलाह भी दी जाती है कि आप अपना ओत्प किसी के साथ शेयर ना करें। यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला ओटीपी का प्रकार है।
Call OTP –
इस प्रकार के OTP में आपको कॉल के द्वारा आपका One Time Password बताया जाता है। अगर आपके पास मैसेज के द्वारा ओटीपी नहीं आ पता है तो आप कॉल के द्वारा भी ओटीपी प्राप्त कर सकते है। Call OTP में कई बार कॉल किया जाता है जिसके बाद आपके बिना कॉल उठाए ही कुछ एप्लिकेशन ओटीपी प्राप्त कर लेती है। इस प्रकार के सिस्टम के लिए Trucaller अच्छा उदाहरण है।
Email OTP –
अगर आप किसी भी प्रकार के लेनदेन अथवा लॉग इन करने के लिए ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते है तो आपके पास ओटीपी ईमेल के द्वारा भेजा जाता है। जिसे हम ईमेल ओटीपी भी बोलते है, ज़्यादातर प्रॉफेश्नल काम के लिए ईमेल ओटीपी का इस्तेमाल करते है परंतु कई बार ईमेल के द्वारा ही OTP verification करना होता है।
आपने OTP के Types के बारे में जान लिया है, आप अपने किसी भी काम के लिए ओटीपी कि जरूरत हो तो OTP कैसे प्राप्त करें इसके बारे में बता देते है।
ओटीपी कैसे प्राप्त करें? How to get OTP?
OTP पाने का प्रोसैस काफी आसान है, आजकल लगभग सभी एप्प अथवा जहां पर ओटीपी कि जरूरत होती है अपने आप आपके मोबाइल पर आ जाता है। अगर आप भी किसी भी काम के लिए ओटीपी अपने ईमेल यां मोबाइल पर पाना चाहते है तो सबसे पहले आपके मोबाइल के अंदर जो सिम चल रही है उसी का नंबर दे ताकि उसपर आपका ओटीपी आए तो आपको पता चल सके।
ओटीपी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले तो आपको जो इन्फॉर्मेशन मांगी जा रही हो उसे सही से देना होता है। उसके बाद आपने अपने मोबाइल नंबर यां ईमेल आईडी को देना है जिस पर आपने ओटीपी प्राप्त करना है सबमिट करने के बाद आपके पास One Time Password आ जाएगा। कई बार मैसेज बॉक्स फुल्ल होने के कारण यां किसी टेक्निकल कारण से ओटीपी न आए तो आप कॉल से ओटीपी प्राप्त कर सकते है।
ओटीपी के कुछ उदाहरण? OTP Password Example
आज के समय में आपको Facebook ID बनाने, जीमेल आईडी बानने, पैसे का लेनदेन करने के लिए ओटीपी कि जरूरत पड़ती ही रहती है। ये ओटीपी 4 यां 6 अंको के होते है कई बार कम यां ज्यादा भी हो सकते है। हम आपको OTP के कुछ उदाहरण बता देते है।
4 Numeric OTP Password Example – 3456
6 Numeric OTP Password Example – 256789
One Time Password की जरूरत क्यों पड़ी
OTP कि जरूरत आपके खातों कि सुरक्षा को और ज्यादा कड़ी करने के लिए पड़ी थी। आज के समय में ऑनलाइन लेनदेन काफी ज्यादा बढ़ गया है जिस कारण हैकर भी काफी सक्रिय है। इस कारण आपके खाते से यां किसी भी अकाउंट से किसी प्रकार कि चोरी न हो यां चोरी करना काफी कठिन हो जाए इससके लिए ओटीपी कि जरूरत पड़ी थी।
आज के समय में हम सभी इंटरनेट पर कोई भी अकाउंट बनाते समय काफी सरल से पासवर्ड लगाते है जो हमें बड़ी आसानी से याद रह जाए। कई बार इस चीज का फायदा हैकर उठा लेते है क्योंकि ऐसे पासवर्ड को क्रेक करना काफी आसान हो जाता है। इन पासवर्ड को भेदकर कोई भी आसानी से हमारे किसी भी अकाउंट को एक्सैस कर सकता है।
इन सबको कम करने के लिए ओटीपी का उपयोग किया जाता है। आज हम अपने बैंक अकाउंट का कोड भी काफी आसान सा लगते है, वहीं आजकल हमारे पासवर्ड का किसी दोस्त यां जानकार को पता भी होता है। अतः उनके द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
ओटीपी के कारण आपका यूजर नाम तथा पासवर्ड किसी के हाथ भी लग जाता है तो वह आपके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी के बिना उसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है। सोचिए अगर ओटीपी न हो तो आपका Online Shoping वाली वैबसाइट का यूजर नाम पासवर्ड किसी को पता है उसने उसे Open करके शॉपिंग कि और पैसे दे दिये आपके कार्ड से। इस प्रकार कि चोरियों को रोकने के लिए OTP का सुझाव लाया गया था। सबसे पहले इसका इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षा कि जरूरत के लिए किया जाता था परंतु बाद में छोटे मोटे एप्लिकेशन से लेकर बड़े बैंक में भी इसका इस्तेमाल किए जाने लग गया।
OTP कैसे काम करता है?
ओटीपी के द्वारा काम करना हमें आसान लगता है यह उतना ही जटिल है। सबसे पहले यूजर के द्वारा अपनी जानकारी यां लॉग इन डिटेल तथा पासवर्ड को डाला जाता है जिसके बाद लॉग इन किया जाता है। लॉग इन करने के बाद यूजर का डाटा सर्वर पर जाता है जहां से अगर डाटा मैच होता है तो यूजर को प्रमाणित करने के लिए एक One Time Password Create किया जाता है।
इस पासवर्ड को यूजर तक मैसेज के जरिये भेजा जाता है क्योंकि ओटीपी भेजने का यह सबसे आसान तरीका है। अगर यूजर तक किसी प्रकार से ओटीपी मैसेज नहीं जाता है तो कॉल के द्वारा भेजने कि सुविषा भी रहती है। यूजर के पास कोड आने के बाद यूजर उस कोड को सही से डालकर सबमिट कर देता है तो यह कोड वापस सर्वर पर मैच होने के लिए जाता है।
अगर दोनों कोड मेच हो जाते है तो आपका अकाउंट खुल जाता है तथा प्रमाणित हो जाता है कि आप ही असली यूजर है। प्रमाणित न होने कि स्थिति में आप दुबारा कोशिश कर सकते है ज्यादा बार गलत ओटीपी डालने पर सर्वर एक दिन अथवा कुछ घंटो के लिए एसे ब्लॉक कर देता है जिससे कोई आपके अकाउंट में सेधमारी नहीं कर पाता है।
OTP का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होता है?
आज के समय में ओटीपी का इस्तेमाल Social Media से लेकर बैंकिंग में सभी जगह ओटीपी क इस्तेमाल होता है। आज के समय में ई-कॉमर्स वैबसाइट, नेट बैंकिंग, यूपीआई, तथा Social Networking Site पर ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है। आज आपको इंटरनेट पर किसी भी वैबसाइट पर अकाउंट बनाने के लिए OTP कि जरूरत पड़ती है।
इसके अलावा आज के समय में किसी भी एप पर रजिस्ट्रेशन करने, लॉग इन करने, पासवर्ड फोरगेट करने के लिए One Time Password कि जरूरत पड़ती ही है।
ओटीपी के फायदे क्या है?
आज के डिजिटल युग में हम ज़्यादातर काम ऑनलाइन ही करते है जिसमें हमारे द्वारा अपने एटीएम कार्ड, बैंक से जुड़ी जानकारी का इस्तेमाल किया जाता है इनमें बनने वाले खतरो से हमें ओटीपी ही बचाता है। तो चलिये जानते है ओटीपी के कुछ बड़े फ़ायदों के बारे में
- ऑनलाइन सुरक्षा – आज के समय में ऑनलाइन सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर किसी के पास आपकी बैंक कि डिटेल है तो वह आपके अकाउंट में पड़े पैसों को चुटकियों में निकाल सकता है। हमारे बैंक में पड़े पैसों को ओटीपी कि मदद से ही बचाया जा सकता है। यह ओटीपी का सबसे बड़ा फायदा है।
- यूजर वेरिफिकेशन – इसके द्वारा यूजर का वेरिफिकेशन हो जाता है, जिससे बैंक को पता चल जाता है कि जिस यूजर का यह एटीएम कार्ड है उसी के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। आपके अकाउंट को ओटीपी के बिना एक्सैस नहीं किया जा सकता जिस कारण आपका निजी डाटा भी सुरक्षित रहता है।
- मुफ्त – सबसे बड़ा फायदा यही है कि ओटीपी के मैसेज आपको बिलकुल फ्री मिलते है। हमारे डाटा कि रक्षा बिना किसी पेमेंट किए हमें फ्री में मिल जाती है।
- तेज – ओटीपी कि जरूरत पड़ने पर आपको चंद सेकंड में ओटीपी मैसेज यां कॉल के द्वारा मिल जाता है। आज के समय में किसी चीज का तेज होना ही सबसे बड़ा फायदा है जिससे समय कि बचत होती है।
- एक बार ही इस्तेमाल – ओटीपी का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसे आप एक बार ही इस्तेमाल कर सकते है। आपके द्वारा एक बार ओटीपी उपयोग करनेके बाद भले ही इसका किसी को पता चल जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा।
OTP के क्या – क्या नुकसान है?
हर सिक्के के दो पहलू होते है, एक पहलू फायदे का होगा तो दूसरा पहलू नुकसान का भी जरूर होगा। नुकसान कम जरूर हो सकता है परंतु ओटीपी से भी कुछ नुकसान जरूर होता है।
- एक बार उपयोग – यह इसका सबसे बड़ा फायदा भी और नुकसान भी है। क्योंकि एक बार किसी भी प्रकार से डिटेल कैन्सल होने के बाद आपको दुबारा ओटीपी कि रिक्वेस्ट भेजनी पड़ती है।
- दूसरा नुकसान पेमेंट करते समय होता है काफी सारे पेमेंट मेथड में सिर्फ ओटीपी का उपयोग किया जाता है जिस कारण यह काफी असुरक्षित हो जाता है।
निष्कर्ष –
आज के इस Article में हमने ओटीपी कि फुल फॉर्म (OTP Full Form One Time Password) के बारे में जाना। आपको हमने ओटीपी किस प्रकार काम करता है यह कैसे सुरक्षित है, ओटीपी कितने प्रकार के होते है इसके बारे में विस्तार से बता दिया है। आपको ओटीपी से जुड़ी सभी जानकारी आज के इस Article में प्राप्त हो गयी होगी। अगर आपको आज कि यह जानकारी पसंद आए तो इसे Social Media पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कर दें।
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ओटीपी से जुड़े FAQs
ओटीपी का मतलब क्या है
ओटीपी का मतलब वन टाइम पासवर्ड होता है यानि की ऐसा पासवर्ड जिसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार किया जा सकता है।
ओटीपी कितने अंक का होता है
ओटीपी ज़्यादातर समय 4 यां फिर 6 अंको के ही होते है परंतु कुछ ओटीपी पाँच अंको के यां फिर इससे ज्यादा यां कम भी हो सकते है।
किसी भी नंबर का ओटीपी कैसे पता करें
किसी भी नंबर का ओटीपी पता करने के लिए आपको उस नंबर से लॉग इन करके ओटीपी को मंगवाना होगा, इस प्रकार आप किसी नंबर का ओटीपी पता कर सकते है।